ज्ञानी-जो निर्विशेष है || आचार्य प्रशांत, श्री अष्टावक्र पर (2014)

2019-11-26 0

वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
६ मार्च २०१४
अद्वैत बोधस्थल,नॉएडा

~अष्टावक्र गीता ( अध्याय २०, श्लोक ४ )
क्व प्रारब्धानि कर्माणि जीवन्मुक्तिरपि क्व वा।
क्व तद् विदेहकैवल्यं निर्विशेषस्य सर्वदा ||

प्रसंग:
ज्ञानी कौन?
ज्ञान कैसे उपलब्ध करें?
सच्चे साधक कैसे बोध को उपलब्ध हों?