वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
६ मार्च २०१४
अद्वैत बोधस्थल,नॉएडा
~अष्टावक्र गीता ( अध्याय २०, श्लोक ४ )
क्व प्रारब्धानि कर्माणि जीवन्मुक्तिरपि क्व वा।
क्व तद् विदेहकैवल्यं निर्विशेषस्य सर्वदा ||
प्रसंग:
ज्ञानी कौन?
ज्ञान कैसे उपलब्ध करें?
सच्चे साधक कैसे बोध को उपलब्ध हों?